बाढ़ से कई कॉलोनि में पानी भर आया वा बारिश का खौफ बना है ।
बाढ़ से कई कॉलोनि में पानी भर आया वा बारिश का खौफ बना है ।
(अर्थ प्रकाश/ बोम्मा रेडड्डी)
भद्राचलम :: (आंध्र प्रदेश) भद्राचलम शहर आधा तेलंगाना राज्य में और शेष समस्त भूभाग आंध्र में है शहर में स्थित मंदिर के वजह से इसे आंध्र प्रदेश का प्रमुख धार्मिक स्थल के रूप में उन्हें सौंपा गया था अभी हम बाढ़ से प्रभावित है बाढ़ से प्रभावित होने की राजनीतिक गलियारों में कई लोग गलत रोटियां अभिषेक रहे हैं कई बुद्धिजीवियों ने कहा यह गलत बयान भी हो सकता है भले कुछ भी हो फिलहाल बाढ़ प्रभावितों को राहत मिली है
जुबान का कारण पोलावरम बांध में पानी खड़े होने से हुआ है यह स्थानीय नेताओं का कहना है जबकि ऐसा नहीं है पिछले कई बार ऐसा बारिश बिना बांध के समय भी हुआ था और भद्राचलम मंदिर के इर्द-गिर्द में पानी भर गया था जैसे-जैसे पानी कम होता गया तो बाढ़ प्रभावित से वंचित हो गया था लेकिन अब बांध का नाम लेकर आरोप लगाना सरासर गलत है कहते हुए कई चीफ इंजीनियरों ने यह गलत बयान कहा है
गोदावरी बाढ़ से कई ग्रामीण क्षेत्र धीरे-धीरे कम होते जा रहे हैं। लगातार हो रही बारिश वा बाढ़ प्रभावित इलाके में बिजली का इंतजार कर रहे हैं. वाल्मीकि रामायण में दर्शाई गई भद्राचलम शबरी नदीऔर पढ़ने शाला परिणी कुटीर दंडक वन से लगा हुआ वास्तविक क्षेत्र यही है
जो बाढ़ से प्रभावित हुआ जहां राम और सीता अयोध्या लौटते हुए कई दिन बिताए थे यहीं पर उन्होंने महुआ का रस तथा वाल्मीकि रामायण में दर्शाई गई कई महत्वपूर्ण घटना यहां से जुड़े हुए हैं यह वही स्थान है जहां गोदावरी तट पर होते समय केवट ने पैर धोया था उसी नदी के तट पर बना भद्राचलम मंदिर भगवान राम के नाम पर हैदराबाद निजाम के जमाने में तहसीलदार के रूप में भक्त रामदास यही प्रवास रहते थे और उन्होंने ही इस मंदिर को बनवाया था महाराष्ट्र और ऊपरी इलाके के छत्तीसगढ़ में हुई भारी बारिश से सबरी नदी का उफान बढ़ने से गोदावरी नदी को रोक देती है जिसके रोकने के वजह से बाढ़ का पानी पिछले की ओर स्टोरेज बंद कर भद्राचलम के शहर में पानी भर गया और मंदिर के चारों तरफ पानी भरभरा 2 दिन से गोदावरी नदी की भाव कम होने से अब निचले स्तर में पूरा पानी उतर गया लेकिन कीचड़ और गंध और घरों में भर गया जिसकी लोग अब इंतजार है जाकर साफ सफाई कर ले लेकिन मौसम विभाग ने कहा अभी 29 30 तारीख तक और भारी बारिश होने की संभावना से लोग सोच में पड़ गए।
बाढ़ पीड़ितों में डर समाया हुआ है क्योंकि मौसम विभाग ने सख्त घोषणा की है कि इस महीने की 29 तारीख तक बारिश होगी। भद्राचलम में सुभाषनगर, अयप्पा कॉलोनी और एएमसी कॉलोनी पहले से ही बाढ़ से बाहर आ रहे हैं। अश्वपुरम, मनुगुरु, पिनापाका, बरगमपाडु, चारला और दुम्मुगुडेम मंडलों में सड़कें दलदली हो गई हैं। इनसे दुर्गंध आ रही है।
उधर शबरी के बहाव से छत्तीसगढ़ के लगभग सीमा से 30 किलोमीटर दूर तक ढलान इलाके में पानी भर गया और सैकड़ों परिवार ऊंचे इलाके में पहुंच गए वहां की सरकार भी उन्हें राहत शिविरों में ठहराया औरअवस्था जारी रखा है